ताकि बिहारी और पहाड़ी को गाँव में ही मिल जाये दिहाड़ी
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एक विज्ञप्ति में ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य उपलब्धता में सुधार का अनुमानित लेखा जोखा पटल पर रखा गया। रोजगार की किल्लत दूर करने के लिए विभाग का जोर सड़क निर्माण क्षेत्र पर है| सरकार कुशल, अर्द्धकुशल दिहाड़ी मजदूर को पीएनएवाई-ग्रमीण तथा पीएनजीएसवाई के अंतर्गत में अस्थायी रोजगार का प्रोत्साहन दे रही है। इसके चलते ग्रामीण विकास कार्यों के लिए मौजूदा बजट 2012-13 के ग्रामीण विकास विभाग के बजट के दोगुने से अधिक हो गया है। 14वें वित्त आयोग और राज्य के योगदान को जोड़ दिया जाए तो सभी कार्यक्रमों और रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी खर्चे के लिए मौजूद धन 5 वर्षों की तुलना में तिगुना से अधिक हो जाता है। इसी खर्चे से 51 लाख मकान निर्माणाधीन हैं, एक लाख किलोमीटर सड़कें निर्माण के विभिन्न चरणों में है| कृषि तथा संबंधित गतिविधियों के लिए मनरेगा के अंतर्गत बड़े स्तर पर दिहाड़ी रोजगार के अधिक अवसर सुनिश्चित हुए हैं। हालाँकि इन विकास कार्यों के रोजगार अस्थायी हैं और खानाबदोशी को बढ़ावा देने वाले हैं, दीन दयाल अंत्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (ड...