लाखों भागीरथ चाहिए गंगाजी के लिए
श्रद्धेय संत समाज , आन्दोलन कारी भद्रजनों के गंगाजी के प्रति प्राण पण समर्पण भाव को नमन है. . यद्यपि गंगाजी की अविरलता के लिए सरकार ने कोई ठोस वचन नहीं दिया है लेकिन स्वामीजी की तपस्या के प्रभाव से हम सरकार का ध्यान आकृष्ट करने में सफल रहे हैं . निस्संदेह यह एक लम्बी लड़ाई की शुरुआत है जिसके पहले दौर में हमे आंशिक सफलता भी मिली हुई लगती है लेकिन सरकार के छल , घोंघे जैसी गति वाली समितियों और विदेशी पूंजी के प्रताप से गतिमान आयोगों के प्रकोप से गंगा जी को बचाना भी हमारा ही दायित्व है . यक़ीनन सरकार के पास बहुत से संसाधन और उपाय हो सकते हैं जिनसे इस आन्दोलन की धार को कुंद करने का प्रयास करे . इससे बचने के लिए हमे स्थायी कार्यकारी विकल्पों को भी अमल में लाना होगा . जन सामान्य में नीतिगत निर्णयों का प्रसार बहुत धीरे - धीरे होता है . जन सामान्य की सहभागिता के बिना जैसे आन्दोलन निष्प्रभावी ...