कानपुर में बाईस एकड़ की ऐतिहासिक झील 'लापता'
गर्मी में पानी की भीषण किल्लत के बीच कानपुर की नर्वल तहसील में 22 एकड़ की झील 'लापता' हो गई है। इस झील को माफिया ने पाट दिया है और यहां अब खेती होती है। झील के नाम पर फिलहाल रहनस गांव में मकानों के पीछे एक छोटा सा तालाब बचा है। ग्रामीणों के अनुसार, अब तो यहां बारिश का पानी भी नहीं रुकता। जबकि एक वक्त में झील का फैलाव करीब चार किमी आगे गंगा तट तक था। सरकारी रेकॉर्ड में सरकारी रेकॉर्ड के अनुसार, सरसौल ब्लॉक के रहनस गांव की झील का क्षेत्रफल करीब 22 एकड़ है। आराजी नंबर 771 में एरिया 0.414 हेक्टेयर, नंबर 794 में 0.727, नंबर 795 में 0.965, नंबर 796 में 0.922, नंबर 889 में 2.294, नंबर 828 में 2.591 और नंबर 841 में 0.835 हेक्टेयर एरिया है। यह पूरा एरिया करीब 8.748 हेक्टेयर है यानी करीब 22 एकड़। इतिहास में है जिक्र 1909 के गजेटियर ऑफ कानपुर में अंग्रेज ऑफिसर एचआर नेविल ने इसे कानपुर की सबसे बड़ी झीलों में एक शुमार करते हुए लिखा है, रहनस की झील में सारस और अन्य पक्षियों का बसेरा था। यहां नावें चलती थीं। झील बारिश में कई गांवों को पार कर गंगा तक फैल जाती थी। यहां लोग पिकनिक मनाने...