जेपी थर्मल प्लांट बघेरी पर एक खुला पत्र
गुमान सिंह, संयोजक, हिमालय नीति अभियान प्रिय साथियों, जेपी थर्मल प्लांट बघेरी पर मुझे सब के नाम यह पत्र इसलिए लिखना पड़ रहा है क्योंकि आज कल हिमाचल के हिन्दी और अंग्रेजी अखवारों में बयानबाज़ियों का भूचाल सा आ गया है. ये सभी राजनीतिक वक्तव्य पिछले पांच साल पुराने आंदोलन के दौरान कहीं नहीं दिखे. इसलिए मैंने यह अपनी भुक्तभोगी जानकारी सब के साथ बांटने के लिए लिखा है. हिमाचल हाईकोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स के बघेरी थर्मल संयंत्र पर एक अभूतपूर्व निर्णय दे कर यह आभास कराया है कि प्रदेश में संसाधनों की कॉरपोरेट लूट मची है और इस काम में यहां के राजनेता-अधिकारी वेशर्मी से शामिल हैं. हाईकोर्ट ने दूसरी बार इस परियाजना को वर्तमान मंत्रिमंडल से मिली मंजूरी पर भी सवाल उठाया. यह भी पिछले कुछ बर्षों में पहली बार हुआ है कि किसी बड़े कॉरपोरेट को भूमि, वन और पर्यावरण के कानून तोड़ने पर एक सौ करोड़ से ज्यादा का जुर्माना हुआ. निर्मित ढांचे को तोड़ने का आदेश और कानूनी हेराफेरी करने वाले अधिकारियों व संस्थाओं की जांच का आदेश दिया गया. वेदान्ता, पॉस्को, लवासा से ले कर देश में बन रही तमाम पर...