गंगा प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्यशाला

दिनांक  6 फरवरी 2012
गंगा सेवा संकल्प कानपुर की ओर से  बजे तक हरिहरनाथ षास्त्री भवन में गंगा को अविरल और निर्मल बनाने तथा पानी और नदी के मुद्दों पर काम कर रहे एनजीओ और नागरिक समाज तथा डा0 डॉन ब्लैकमोर, (पूर्व मुख्य कार्यकारी, मुरे डार्लिंग नदी बेसिन आयोग, ऑस्ट्रेलिया) के साथ परम्पर संवाद का आयोजन किया है । इस संवाद का उद्देष्य दुनिया के अन्य हिस्सों में हुए नदी घाटी विकास और स्वच्छता के लिए हुए प्रयासों को राष्ट्रीय  गंगा नदी घाटी प्रधिकरण के अविरल गंगा- निर्मल गंगा के घोष  के सन्दर्भ में समझ बनाना है। ’गंगा सेवा संकल्प’ कानपुर के संयोजक दीपक मालवीय ने बताया कि डा0 डान ब्लैकमोर को पानी और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में 40 से अधिक वर्षों का का अनुभव है, वे 2004 तक ऑस्ट्रेलिया कि मुरे-डार्लिंग नदी बेसिन आयोग के 15 साल साल के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे है, उन्होने हाल ही में नील, सिंधु, मीक्यांग और गंगा नदियों पर किया है, वे बांधो पर विश्व  आयोग में आयुक्त भी रहें हैं, डा0 डान वर्तमान में राष्ट्रमंडल वैज्ञानिक और औधोगिक अनुसंधान संगठन , ऑस्ट्रेलिया के सलाहकार परिषद्  के अध्यक्ष है तथा ’एक स्वस्थ देश के लिए जल’ कार्यक्रम देखते है, अपने देश  में 3 साल पहले गंगा नदी को अविरल और निर्मल बनाने के लिए राश्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्रधिकरण का गठन किया गया था, देश  7 बड़े प्रौद्योगिकी   संस्थानों के समूह को इस विषय  पर तकनिकी ज्ञान और सलाह की जिम्मेदारी सौपी गयी है। गत 3 सालों में गंगा को निर्मल और अविरल बनाने कि दिषा में कोई खास प्रगति हुयी हो ऐसा दिखाई नदी देता, राष्ट्रीय  गंगा नदी घाटी प्राधिकरण में नागरिक समाज का प्रतिनिधित्व कर रहें सदस्य भी अपने सुझावों की अनदेखी किये जाने से व्यथित है।
दीपक मालवीय ने बताया कि नागरिक समाज को सतर्क रहने कि आवश्यकता  है कहीं ऐसा ना हो कि गंगा स्वच्छता अभियान के नाम पर गंगा जल का व्यापारीकरण हो जाये और जल सम्पदा और प्राकृतिक संसाधनों को को निजीकरण और वितीय भागीदारी के नाम पर बहुराष्ट्रीय  कंपनियों को सौप दिया जाये। डा0 ब्लैकमोर 8 फरवरी को आई0 आई0 टी0 कानपुर के विषेशज्ञों से भी बातचीत करेंगे।  दीपक मालवीय ने बताया कि ’’गंगा सेवा संकल्प’’ का दृढ़ विश्वास  है कि गंगा स्वच्छता का कोई भी प्रयास गंगा किनारे के निवासियो के सक्रीय  सहभाग से ही सम्भव है। इसी उद्देश्य  को ध्यान में रखते हुए ’’गंगा सेवा संकल्प’’ कानपुर का गठन किया गया है हमारा प्रयास है कि गंगा से जुड़े विषयों  पर कार्यरत जागरुक नागरिको और संगठनों को एक मंच पर लाया जाये जहां वे अपने मुद्दों की विचार विमर्श  कर मुखर कर सके और अपनी आवाज को भारत सरकार और राष्ट्रीय  गंगा नदी घाटी प्राधिकरण के समक्ष प्रभावी ढ़ग से रख सके।
 
7 फरवरी 2012 को दोपहर 3 बजे शाम 5:00 को जल संसाधन प्रबंधन विशेषज्ञ कानपुर के नागरिक समाज के साथ सवाल जवाबों के साथ अपने अनुभव शेयर करेंगे. 

Comments

Popular posts from this blog

गंगा की व्यथा-कथा: नदिया के डॉक्टरों ने लगाई सरसैया घाट पर पंचायत

"आप" का घोषणापत्र और हमारा शहर

......या चूक गए शहर के "पाठक" और "विद्यार्थी"?